बढ़ते यमुना जलस्तर से दिल्ली के कई इलाकों में पानी।
जिससे जनजीवन और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

पुराने यमुना पुल, आईएसबीटी, आईटीओ, राजघाट और लाल किला परिसर के कुछ हिस्से पानी में डूब गए हैं। इसके अलावा, कश्मीरी गेट और यमुना बाजार जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई सड़कों पर पानी भरने से ट्रैफिक जाम हो गया है और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग रहे हैं।
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके लिए राहत शिविर लगाए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें लगातार काम कर रही हैं और प्रभावित लोगों को निकालने में जुटी हैं। अधिकारियों ने लोगों से यमुना नदी के आसपास के इलाकों से दूर रहने की अपील की है और कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी का मुख्य कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना है। मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और भी खराब हो सकती है। सरकार ने सभी विभागों को समन्वय से काम करने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि दिल्ली को इस बाढ़ से बचाया जा सके।