
परीक्षा केंद्र के अधिकारियों को उम्मीदवार के हॉल टिकट पर संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने गहन जांच की। जांच में पाया गया कि हॉल टिकट में छेड़छाड़ की गई थी और यह मूल दस्तावेज नहीं था। अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसने मौके पर पहुंचकर उम्मीदवार को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उम्मीदवार ने बताया कि उसने यह फर्जी हॉल टिकट एक अक्षय केंद्र के कर्मचारी से बनवाया था।
पुलिस ने उम्मीदवार की निशानदेही पर अक्षय केंद्र के उस कर्मचारी को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसने कथित तौर पर यह जालसाजी की थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कर्मचारी ने कुछ उम्मीदवारों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी हॉल टिकट बनाकर दिए थे। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इस रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं और कितने उम्मीदवारों को इस तरह के फर्जी दस्तावेज दिए गए थे।