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IIT मंडी ने प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न के आरोप में हटाया.

मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी ने दो महिला पीएचडी शोधार्थियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।

आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई:
  • प्रोफेसर को संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की जांच रिपोर्ट के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
  • यह फैसला यौन उत्पीड़न के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति को ध्यान में रखते हुए लिया गया।

जांच और कार्रवाई:

  • दोनों पीड़ित महिला शोधार्थियों ने प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
  • शिकायत के बाद आईआईटी मंडी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू की।
  • जांच समिति ने दोनों पीड़ितों के आरोपों को सही पाया।

संस्थान का बयान:

  • IIT मंडी प्रशासन ने कहा कि वह संस्थान में एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • “हम किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे,” प्रशासन ने अपने बयान में कहा।

महिला सुरक्षा पर ज़ोर:

  • संस्थान ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था और शिकायत प्रक्रिया को और मजबूत करने का आश्वासन दिया।
  • यौन उत्पीड़न के खिलाफ संस्थान ने अपने सभी कर्मचारियों और छात्रों को संवेदनशील बनाने का फैसला किया है।

शिक्षा जगत में चर्चा:

  • इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र में महिला सुरक्षा पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है।
  • अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी अपनी शिकायत प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की अपील की गई है।

प्रोफेसर का पक्ष:

  • बर्खास्त प्रोफेसर ने अब तक इस मामले में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
  • संस्थान ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है।

कानूनी कार्रवाई की संभावना:

  • पीड़ित महिलाएं प्रोफेसर के खिलाफ आगे कानूनी कदम उठा सकती हैं।
  • प्रशासन ने कहा कि अगर कोई मामला दर्ज होता है तो संस्थान जांच में पूरा सहयोग करेगा।

महिला अधिकार संगठनों का समर्थन:

  • महिला अधिकार संगठनों ने IIT मंडी के इस कदम की सराहना की है।
  • उनका कहना है कि इस तरह के कठोर कदम यौन उत्पीड़न को रोकने में मददगार साबित होंगे।

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