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ईरानी तेल व्यापार में शामिल भारतीय कंपनी पर अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने गुरुवार को भारत स्थित अटलांटिक नेविगेशन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड

सहित चार कंपनियों और तीन जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए। यह कदम ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल्स के अवैध व्यापार को लेकर उठाया गया है, जो ईरानी सरकार को अरबों डॉलर की आय प्रदान करता है।

  1. अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने इन प्रतिबंधों की घोषणा की।
  2. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ईरान अपनी परमाणु और हथियार प्रणालियों के विकास तथा प्रॉक्सी संगठनों को समर्थन देने के लिए इस अवैध व्यापार का उपयोग करता है।
  3. अटलांटिक नेविगेशन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड ईरानी तेल को परिवहन में शामिल है और जहाज विगर की प्रबंधन कंपनी है।
  4. अमेरिका के विदेश विभाग ने भी इस व्यापार में शामिल चार कंपनियों और छह जहाजों को प्रतिबंधित संपत्ति घोषित किया।
  5. अन्य प्रतिबंधित कंपनियों में शाइनी सेल्स शिपिंग लिमिटेड (सेशेल्स), गैलेक्सी मैनेजमेंट एनवी (सूरीनाम), और ब्रेकलिन हांगकांग कंपनी लिमिटेड (हांगकांग) शामिल हैं।
  6. इन कंपनियों पर ईरानी तेल के खरीद, बिक्री, परिवहन या विपणन में शामिल होने का आरोप है।

जांच और कार्रवाई:

  1. अमेरिका ने बताया कि ईरान की तेल निर्यात प्रणाली अवैध शिपिंग नेटवर्क के माध्यम से संचालित होती है।
  2. जहाजों पर झूठी जानकारी और धोखे से ईरानी तेल एशियाई खरीदारों तक पहुँचाया जा रहा था।
  3. प्रतिबंधित जहाजों में एविटल, प्रोग्रेस वी, स्कॉर्पियस, तास्का और एलीजा II शामिल हैं।
  4. इन जहाजों पर सेशेल्स, बारबाडोस और पनामा के झंडे हैं।

मानवाधिकार उल्लंघन:

  1. अमेरिका ने ईरान की गहेजल हेसार जेल को भी मानवाधिकार उल्लंघन के कारण प्रतिबंधित किया।
  2. इस जेल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।

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