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बरहामपुर: रंगों का त्योहार होली उन बच्चों के लिए भी खास बन गया जो रंगों को देख नहीं सकते थे, लेकिन उनकी खुशी देखने लायक थी।

ओडिशा के बरहामपुर स्थित 'ओडिशा सर्विस सेंटर फॉर द ब्लाइंड' में होली का उत्सव बड़े ही खास अंदाज में मनाया गया।

यह स्कूल विशेष रूप से दृष्टिहीन बालिकाओं के लिए संचालित होता है।

यहां कक्षा 9 में पढ़ने वाली खुशी नाम की छात्रा ने अपनी दोस्त के गालों पर लाल गुलाल लगाया।

दोनों के चेहरों पर मुस्कान और गले लगने का भाव देखने लायक था।

हालांकि, न तो खुशी और न ही उसकी दोस्त एक-दूसरे को देख सकती थीं।

लेकिन उनके चेहरे पर उत्साह और प्रेम का भाव किसी को भी भावुक कर सकता था।

इन बच्चों के लिए रंगों को देख पाना भले ही संभव न हो, मगर उन्होंने होली का आनंद भरपूर लिया।

स्कूल प्रबंधन ने इन बच्चों के लिए खास इंतजाम किए थे, जिससे वे त्योहार का आनंद ले सकें।

बच्चों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर खूब मस्ती की और नृत्य कर अपनी खुशी जाहिर की।

स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को होली के महत्व के बारे में भी बताया।

इस मौके पर बच्चों के लिए विशेष मिठाइयां और रंग-बिरंगे पकवान भी तैयार किए गए थे।

शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी बच्चों के साथ मिलकर होली का पर्व मनाया।

होली के इस आयोजन ने इन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।

बच्चों के उत्साह ने यह साबित कर दिया कि खुशियां केवल देखने से नहीं, महसूस करने से आती हैं।

इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को समाज से जोड़ना और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाना था।

बच्चों ने अपने तरीके से रंगों का एहसास कर त्योहार को खास बना दिया।

होली के इस आयोजन ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हर परिस्थिति में खुशियां मनाई जा सकती हैं।

बच्चों की मुस्कान ने सभी को प्यार, अपनापन और समर्पण का पाठ सिखाया।

यह आयोजन इस बात का उदाहरण है कि सच्ची खुशी दिल से महसूस करने में ही होती है।

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