States

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कर्नाटक सरकार के मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को “अनैतिक चरित्र” का उदाहरण बताया।

उन्होंने कहा कि यह फैसला कानूनी कसौटी पर टिक नहीं पाएगा।

दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने शुक्रवार को अपने कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

इस प्रस्ताव के तहत कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट में संशोधन किया गया है।

संशोधन के अनुसार, 2 करोड़ रुपये तक के सिविल वर्क्स और 1 करोड़ रुपये तक की वस्तु/सेवा अनुबंधों में मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा धर्म के आधार पर सरकारी कामों में आरक्षण देना अनुचित और निंदनीय है।

यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे “लोकतांत्रिक देश में अनुचित निर्णय” बताया।

उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले समाज में भेदभाव को बढ़ावा देंगे और यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

यादव ने कांग्रेस सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

इस फैसले का कर्नाटक में विपक्षी दलों ने भी विरोध किया है।

कई नेताओं ने इस फैसले को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है।

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने बचाव में कहा कि यह फैसला समाज के पिछड़े तबके को आगे लाने के लिए लिया गया है।

सरकार का तर्क है कि यह कदम मुस्लिम समुदाय के आर्थिक उत्थान को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

कांग्रेस का कहना है कि इससे अल्पसंख्यक समुदाय को व्यापारिक अवसरों में समान भागीदारी मिलेगी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कर्नाटक सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

इस फैसले को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

कर्नाटक में यह फैसला अगले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

अब देखना होगा कि इस फैसले को लेकर विपक्ष और कांग्रेस के बीच की तनातनी किस दिशा में जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button