
नबन्ना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ममता ने कहा कि सिंदूर महिलाओं की अस्मिता से जुड़ा है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले वे खुद को चायवाला कहते थे, फिर चौकीदार बने और अब सिंदूर बेचने आ गए। अगर सिंदूर इतना जरूरी है तो वे अपनी पत्नी की मांग में क्यों नहीं भरते?” ममता ने आरोप लगाया कि यह नाम सिर्फ चुनाव के पहले लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की गरिमा से जुड़े प्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अलीपुरद्वार की रैली में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को देश की सुरक्षा से जुड़ी बड़ी कार्रवाई बताया था। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर कानून-व्यवस्था, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी जमकर हमला बोला था। ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा पर भावनात्मक मुद्दों से जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।