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दिल्ली चिड़ियाघर में गैंडा अंजुहा अकेला.

क्या उदासीनता या कुप्रबंधन ने धर्मेंद्र की जान ली?

दिल्ली चिड़ियाघर में नर गैंडा धर्मेंद्र की आंतों में खून बहने से हुई मौत ने पशु देखभाल को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने चिड़ियाघर के गैंडा प्रजनन कार्यक्रम को भी रोक दिया है, और मादा गैंडा अंजुहा को अकेला छोड़ दिया है।

धर्मेंद्र की मौत ने चिड़ियाघर के पशु प्रबंधन और देखभाल प्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर उचित चिकित्सा देखभाल की कमी या कुप्रबंधन के कारण धर्मेंद्र की स्थिति बिगड़ी होगी। यह घटना चिड़ियाघर में जानवरों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति लापरवाही को उजागर करती है।

धर्मेंद्र और अंजुहा को गैंडा प्रजनन कार्यक्रम के लिए लाया गया था, लेकिन धर्मेंद्र की मौत ने इस कार्यक्रम को बाधित कर दिया है। अब अंजुहा अकेली रह गई है, जिससे चिड़ियाघर के अधिकारियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की गहन जांच की मांग की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए चिड़ियाघर में पशु देखभाल मानकों को सुधारने का आह्वान किया है।

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