
पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मृतक की पहचान 58 वर्षीय डॉ. शेख महमूद के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, एक युवक डॉ. महमूद के क्लिनिक में दाखिल हुआ और उन पर गोलियां चला दीं, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया, डॉ. महमूद की हत्या उनके धार्मिक विश्वास के कारण हुई लगती है। हमलावर मौके से फरार हो गया। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (जेएपी) ने इस घटना के पीछे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का हाथ होने का संदेह जताया है। जेएपी ने कहा कि सरगोधा लंबे समय से अहमदी विरोधी गतिविधियों का केंद्र रहा है और डॉ. महमूद, जो एक जाने-माने मानवतावादी थे, को धार्मिक चरमपंथियों से धमकियां मिल रही थीं।
जेएपी ने यह भी बताया कि कुछ टीएलपी कार्यकर्ताओं और अहमदी विरोधी समूहों के दबाव के कारण डॉ. महमूद को अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने के लिए भी मजबूर किया गया था। समुदाय ने सरकार से अहमदी समुदाय की सुरक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। मृतक के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और दो बेटे हैं। मानवाधिकार समूहों ने संदिग्ध को गिरफ्तार करने के लिए त्वरित जांच की मांग की है।